देश का लोकतंत्र और संविधान खतरे में लोग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान : राम किशुन यादव



देवरी, गिरिडीह
रिपोर्ट : रंजीत कुमार

भाकपा माले प्रखंड सचिव राम किशुन यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि आज देश में निजीकरण, मंहगाई और बेरोजगारी का दौर जारी है। केंद्र सरकार के फ़ासीवादी चेहरे से साफ साफ जाहिर हो रहा है कि गरीब किसान मजदूर और छोटे छोटे उधोग धंधे करने वालों की जिंदगी घोर संकट में पड़ गया है। महंगाई और बेरोजगारी से लोग परेशान हैं, देश का लोकतंत्र और संविधान दिनप्रतिदिन खतरे में पड़ता जा रहा है। संविधान और लोकतंत्र को सामने रख कर गैर संवेधानिक कार्य किया जा रहा है। आज देश के अत्यधिक संपदाओं पर अडानी और अंबानी का कब्जा है, देश के सार्वजनिक संपदाओं को केंद्र की सरकार बड़े बडे उद्योगपतियों के हवाले कर दे रही है जो ये साफ फ़ासीवादी चेहरा है ।
विगत 15 से 20 फ़रवरी तक भाकपा माले के 11 वें महाधिवेशन में उपरोक्त खतरे को केन्द्रित करते हुए देश में एक बड़ी बदलाव की लडाई लड़ने का संकल्प लिया गया है। 18 फ़रवरी को महाधिवेशन अवधि के दौरान एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार, उप मुख्य मंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेश पार्टी के पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद एवम भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने एक जुटता का परिचय देते हुए सम्मेलन को संबोधित किया। और सभी नेताओं ने एक स्वर में फ़ासीवादी ताकत से लड़ने का संकल्प लिया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी सहमति जताई। उक्त महाधिवेशन को अर्जेन्टीना, कयूवा, फिलिस्तीन, श्री लंका, ब्रिटेन, नेपाल, बंगलादेश, यूक्रेन, वेनेजुएला और दक्षिण एशिया के दर्जनो वामपंथी नेताओं ने संबोधित किया ।