नालंदा, बिहार
रिपोर्ट : दीपक विश्वकर्मा
आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग अपने-अपने समर्थक को गोल बंद करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय विकास मोर्चा द्वारा राजगीर के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री की जयंती के साथ-साथ दुसाध सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र पांचाल विश्वकर्मा मौजूद थे ।
इस मौके पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भोला पासवान को याद करते हुए कहा कि दुसाध समाज सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी पीछे है ।ऐसे में इस समाज को कैसे दशा और दिशा दी जाए इसके लिए मंथन की गई। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस समाज को सम्मान देने की दिशा में कार्य किए जाएंगे ।
उन्होंने कहा कि दुसाध जाति आदि काल से दर्जनों महापुरूषों का जन्म हुआ जो बाद में देवता का उपाधि प्राप्त किया है। वर्तमान समाज में भी महापुरूषों का जन्म हुआ जो राज्य के मुख्य मंत्री की कुर्सी प्राप्त किया और सम्पूर्ण समाज पर ईमानदारी पूर्वक शासन किया और इसी कड़ी में भोला पासवान शास्त्री आते हैं। इनका जन्म 21 सितम्बर 1914 में हुआ था और जब से लगातार जयन्ती प्रत्येक वर्ष मनाई जाती है । दुसाध जाति अभी संक्रमण काल से गुजर रहा है। समाज में न ही लीडर है न ही नियत सिर्फ पार्टीवाद, टिकटवाद, परिवारवाद चल रहा है। इससे समाज खण्ड-खण्ड में बट चुका है एवं दुसाध समाज अपने आप को अकेला और ठगा महसूस कर रहा है।
साथ ही कहा कि जो दुसाध समाज के बड़े नेता हैं वो समाज की तरफ अपना झुकाव नहीं देते ऐसे में दुसाध समाज एक नया नेतृत्व खड़ा करेगा। ऐसी परिस्थिति में समाज को माला की तरह जोड़ना है और दशा-दिशा और नियत दोनों समाज को देना है। सम्मेलन में रजनीश, निरंजन, चितरंजन, रामविलास, बृजनंदन, राजकुमार, विनोद, रामलखन, रामस्वरूप, कृष्णा विश्वकर्मा, राधेश्याम,केशव, संजीव, अरुण, प्रशांत, राकेश, लक्ष्मी, सदानंद, श्रीकांत, रामनंदन, राजू, संजीव, संजय ,श्रवण, प्रमोद, रामेश्वर, अशोक, शिवनंदन, दुर्गा, नंदलाल, मिथिलेश सुनील धनंजय, बालकृष्ण, नंदू, मोहन, सकलदेव, मुरारी, रमेश, शिवशंकर, छोटे, के के अलावे भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे ।