भागलपुर, बिहार
रिपोर्ट : बालमुकुंद कुमार
भागलपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सन्हौला के समीप चल रहे रिमझिम क्लीनिक एवं वर्षा बेबी केयर में अचानक पदाधिकारियों ने छापामारी अभियान चलाया। अस्पताल में लाभुकों की शिकायत पर गुरुवार को पदाधिकारी की टीम ने अचानक छापा मारा। छापेमारी दल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सन्हौला के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार दास सन्हौला अंचलाधिकारी कृष्ण मोहन कुमार, पुलिस बल शामिल थे।
टीम के पहुंचते ही अस्पताल के सभी डॉक्टर भाग गए। अस्पताल में बिना सर्जन तथा सुविधा के अभाव में 1 दर्जन से अधिक महिला रोगी का सर्जरी किया हुआ पाया गया। अस्पताल में उपस्थित अप्रशिक्षित नर्स एवं कर्मी द्वारा रोगियों का इलाज किया जा रहा था। टीम के सदस्यों ने सभी रोगियों से पूछताछ की जिसमें काफी अनियमितता पाई गई । बंद कमरे में 2 घंटे तक चली जांच को दबी जुबान से कई लोगों ने बताया कि लगता है मामला गोल मटोल हो जाएगा।
किलनिक सह अस्पताल के सारे कागजात की जांच की गई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी संजीव कुमार दास ने बताया कि जांच के दौरान कागजात पाया गया, जो सिविल सर्जन भागलपुर द्वारा रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस निर्गत हुआ है। सरकारी अस्पताल से सटे निजी क्लीनिक अस्पताल चलाने की बात पर स्वास्थ्य प्रभारी हिचक गए और बताया कि इस मामले में सिविल सर्जन से मार्गदर्शन लिया जाएगा।
जांच के दौरान सन्हौला अंचलाधिकारी कृष्ण मोहन कुमार, डॉ मोहन कुमार,अस्पताल बीसीअम आनंद कुमार ,राजस्व कर्मचारी संदीप कुमार ,अनूपम आलोक सहित थाना के पुलिस अधिकारी दल बल के साथ सहित कई लोग मौजूद थे। जांच के बाद सन्हौला अंचलाधिकारी अस्पताल परिसर पहुंचे और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से गुप्त गू किए जिसे देखकर लोगों ने बताया कि जांच की कार्रवाई होना संदेहास्पद लग रहा है ।
सूत्र बताते हैं कि निजी क्लीनिक का गोरखधंधा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सन्हौला के कर्मचारी की मिलीभगत से चल रहा है, अधिकतर रोगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सन्हौला से निजी क्लिनिक भेजा जाता है। संदेह हो रहा है संदेह इस बात की हो रही है कि जब रिमझिम किलनिक अस्पताल में एक भी डॉक्टर एमबीएस या महिला डॉक्टर नहीं पाया गया तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। आपको यह भी बता देते हैं जिस डॉक्टर के नाम से इस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन है, यह डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं रहते हैं। मौजूद रहेंगे भी कैसे, जब यह डॉक्टर बाहर में पढ़ाई करता हो तो यह अस्पताल रिमझिम क्लीनिक को कैसे देखेंगे।
जिस डॉक्टर के नाम से रजिस्ट्रेशन है, इस डॉक्टर का नाम जिमी कुमार बताया गया है जो कि डॉक्टर जिमी कुमार बाहर में रहकर अपना पढ़ाई कर रहे हैं तो आप ही बताइए इस अस्पताल को कौन चला रहा है। क्लीनिक के बोर्ड पर लिखा हुआ है 24 घंटा इमरजेंसी सेवा उपलब्ध है, लेकिन एक भी डॉक्टर नहीं रहते हैं। एक भी एंबुलेंस क्या 24 घंटा सेवा इसी को बोला जाता है।
इस मामले पर लीपापोती किया जा रहा है। पूर्व में भी रिमझिम क्लीनिक विवादों में घिरा हुआ था। इतने बड़े लापरवाही पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब देखना यह है की जिला प्रशासन और अनुमंडल अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं या नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सनहौला के प्रभारी संजीव कुमार के द्वारा जांच रिपोर्ट में क्या दी जाती है, कहीं लीपापोती तो नहीं की जाएगी।