उत्तराखंड
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के पुरोला में कथित लव जिहाद का मामला सामने आने के बाद जहां एक समुदाय विशेष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं, आंदोलन में शामिल लोगों की अपील पर अब स्थानीय लोगों ने समुदाय विशेष के लोगों को मकान और दुकान किराए पर नहीं देने का फैसला किया है. जिन लोगों ने किराए पर जगह दी थी, वे अब खाली करने का अल्टीमेटम दे रहे हैं।
दुकानों के बाद अब उत्तरकाशी में एक समुदाय विशेष की एंट्री बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है. लव जिहाद के खिलाफ आंदोलन चला रहे लोगों का दावा है कि बाहर से लोग पहाड़ों पर आते हैं और ऊंचे किराए पर जगह लेते हैं, वे घाटे में रहकर भी काम करते रहते हैं क्योंकि उनका मकसद कुछ और होता है. ऐसे में उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने मकान और दुकानों को समुदाय विशेष के लोगों को किराए पर न दें. पुरोला में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रकाश डबराल का कहना है कि लोगों ने उनकी अपील पर अमल करना शुरू कर दिया है.
इंतजार है 15 जून की महापंचायत का
जबकि जमींदारों का कहना है कि वे समाज के साथ हैं। अगर सबका यही फैसला है कि ऐसे लोगों को मकान और दुकान किराए पर नहीं दी जानी चाहिए तो वे नहीं देंगे. जिन्होंने दिया है वे खाली करवा लेंगे। ज्यादातर लोग पहले ही जा चुके हैं। कई जमींदार इस मुद्दे पर खुलकर बात नहीं करना चाहते हैं और 15 तारीख को होने वाली महापंचायत का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के गुस्से और भावनाओं को देखते हुए ज्यादातर लोगों ने यह फैसला पहले ही ले लिया है. ऐसे में क्या उत्तरकाशी के पुरौला, नौगांव, बड़कोट और ऐसे तमाम इलाकों में किसी समुदाय विशेष की एंट्री नहीं होगी?
मुस्लिम समुदाय की दुकानें बंद रहीं
आपको बता दें कि उत्तरकाशी के पुरोला में कथित लव जिहाद का मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है. 26 मई की घटना के बाद 27 मई से मुख्य पुरौला बाजार में मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानें बंद हैं. घटना के बाद पुरौला में भी विरोध प्रदर्शन हुआ, इस दौरान कुछ दुकानों के फ्लेक्स बोर्ड तोड़े गए. देर रात इन दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर भी लगाए गए थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने हटा दिया। स्थानीय व्यापार मंडल का कहना है कि उन्हें किसी समुदाय विशेष की दुकानें खोलने से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर स्थानीय लोगों में नाराजगी है तो वे लोगों के साथ हैं.
नाबालिग लड़की को अगवा करने का प्रयास
स्थानीय लोगों ने बताया कि 26 मई को दो लड़कों को एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी करते हुए पकड़ा गया था, जिनमें से एक मुस्लिम समुदाय से है. जानकारी के अनुसार नाबालिग लड़की छुट्टियों में अपने रिश्तेदार के यहां आई थी. मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों ने दोनों युवकों को पुलिस चौकी को सौंप दिया, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. लेकिन जैसे ही यह खबर गांव में फैली लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और वे सड़कों पर उतर आए. इसके बाद व्यापार मंडल भी रोष प्रदर्शन में शामिल हो गया।
आजीविका संकट
घटना के बाद पुरौला में रहने वाले ज्यादातर मुस्लिम समुदाय ने गांव छोड़ दिया है. वर्तमान में यहां कुछ परिवार जरूर रह रहे हैं लेकिन डर के मारे अपनी दुकानें बंद रखे हुए हैं। ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है. दुकानदार सैफ अली ने बताया कि वह 1989 से यहां रह रहा है, उसकी पुरानी सैलून की दुकान थी, माहौल ठीक नहीं है, इसलिए बंद है। सीधे तौर पर किसी ने धमकी नहीं दी है लेकिन डर बना हुआ है।
खराब माहौल के चलते दुकान बंद
वहीं, मोहम्मद अबरार ने कहा कि रहने में कोई डर नहीं है, लेकिन माहौल खराब होने से दुकान बंद है। रोजगार का संकट है। सैफ की मां संजीदा ने कहा कि हमने यहीं जिंदगी गुजारी, मेरे पति नहीं रहे और अब एक लड़का है जिसका काम बंद है, वह कहां जाएगा, क्या करेगा। सैफ के मुताबिक, यहां 40-50 मुस्लिम परिवार रहते हैं, जिनमें से ज्यादातर पुरोला छोड़ चुके हैं। इनमें ज्यादातर किराएदार हैं, चार-पांच लोगों के पास ही अपना मकान है। व्यापार मंडल से उनकी बातचीत हुई, उन्हें बताया गया कि अभी माहौल गर्म है, कुछ दिन चुपचाप बैठ जाएं। स्थिति सामान्य होने पर दुकानें खुलेंगी।
दुकानों पर लगे धमकी भरे पोस्टर
मुसलमानों की दुकानों पर लगे धमकी भरे पोस्टरों को देव भूमि रक्षा अभियान का नाम दिया गया है। 15 जून को महापंचायत आयोजित करने की भी बात कही गई है और इससे पहले लव-जिहादियों को उत्तरकाशी छोड़ने के लिए कह दिया गया है. सोनू चड्ढा के घर में पिछले कई सालों से एक मुस्लिम बाइक मैकेनिक दुकान चला रहा था, लेकिन 26 मई की घटना के बाद उसने उसे 15 जून तक दुकान खाली करने का अल्टीमेटम दिया है. सोनू का कहना है कि उसने समाज हित में यह फैसला लिया है.
ऐसे मामलों को तूल नहीं देना चाहिए : राज्यपाल
उधर, उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली में कथित लव जिहाद के बाद तनाव पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी प्रशासन से कहा है कि ऐसे मामलों को ज्यादा तूल न दें, प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए और लोगों में रोष है. लोगों को भी शांत हो जाना चाहिए। उधर, उत्तरकाशी में महापंचायत पर क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि मुझे नहीं पता, लेकिन अगर कोई जीना चाहता है तो ढंग से जियो, नहीं तो कुछ कदम उठाने होंगे. लव जिहाद जैसा काम करने वाले लोगों को समझना चाहिए कि अगर हमारे समाज के लोग भी अपनी बहन-बेटियों के साथ ऐसा करने लगें तो उन्हें कैसा लगेगा.