Uttar Pradesh: कुंवारे बुजुर्गों के नाम से प्रसिद्ध हो चुका है यह गांव, लगभग 70% आबादी है कुंवारी; जानिए क्यों है ऐसा


Unmarried Old man Village

यूपी के औरैया जिले में एक ऐसा अनोखा गांव है, जहां आज तक शहनाई नहीं बजाई गई. यहां का गांव कुंवारे बुजुर्गों के नाम से मशहूर हो गया है। इस गांव में न तो बहुएं आती हैं और न ही सरकार की विकास योजनाएं पहुंचती हैं. गांव वालों के मुताबिक कुछ लोगों को छोड़कर यहां की करीब 70 फीसदी आबादी कुंवारी है. इन अविवाहित लोगों को घर पर ही रोटियां बनानी और सेंकनी पड़ती है। उनका कहना है कि उन्हें इस गांव में दोबारा जन्म नहीं लेना चाहिए।

यूपी के औरैया जिले के अयाना थाना क्षेत्र के गांव कैथोली की बिजली की सूरत देखकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या आज के दौर में ऐसा संभव है, जहां की करीब 70 फीसदी आबादी कुंवारी है.  शायद आप सोचते होंगे कि इस गांव में कोई ऐसी गंभीर बीमारी होगी जिससे इस गांव के निवासी उस बीमारी से ग्रसित हैं, जिसके कारण यहां शादियां नहीं हो पाती हैं। लेकिन ये गलत है, इस गांव में किसी को किसी तरह की कोई बीमारी नहीं है, सभी स्वस्थ हैं, लेकिन वजह जानकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे.

70 फीसदी आबादी है कुंवारी, जानिए क्या है वजह 

करीब 15 दशक पूर्व औरैया जिला दुर्दंत दस्यु जिसमें नामी डकैत लालाराम, निर्भय गुर्जर, चंदन आदि का नाम शामिल है। इन डकैतों के आने-जाने के कारण बीहड़ और ऊबड़-खाबड़ इलाका इन डकैतों के रहने की सुरक्षित जगह माना जाता था। इस वजह से इस गांव में डकैतों का आना-जाना लगा रहता था, जिससे इस गांव में कोई भी पिता अपनी बेटी की शादी के लिए तैयार नहीं होता था. डकैतों के खात्मे के बाद स्थिति तो बदली लेकिन तस्वीर नहीं बदली। इस बीहड़ी गांव में विकास का कोई बयान नहीं पहुंचा, पहले डकैतों के कारण अब इस गांव में विकास नहीं होने के कारण शादियां नहीं होतीं.

2% विवाह के आंकड़े हैं 

वहीं गांव वालों की माने तो 100 में से सिर्फ 2% शादियों का आंकड़ा है. यानी 98% आबादी वर्जिन है. इनकी मानें तो इनकी गिनती बड़ों से लेकर जवानों तक में होती है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि इन अविवाहित कुंवारों, बुजुर्गों और जवानों को खुद ही रोटी बनाने और खाना बनाने की आदत का पालन करना पड़ता है. क्योंकि जिनके घर में मां-भाभी होती हैं, उन्हें बनी-बनाई रोटियां मिल जाती हैं, बाकी कुंवारे लोगों को अपने हाथों से रोटियां सेंकनी पड़ती हैं.

गांव में न तो बहुएं आती हैं और न ही सरकार की विकास योजनाएं 

वर्तमान समय में देखा जाए तो जिन लोगों की शादी हुई है उसका कारण यह है कि वे या तो गांव छोड़कर बाहर शिफ्ट हो गए हैं या उनका इस गांव से बहुत कम संबंध है। बिजली गांव होने के कारण यहां खेती तो बेहिसाब होती है, लेकिन सरकारी संसाधन और विकास नहीं होने के कारण इन ग्रामीणों को हमेशा शादी न कर पाने का मलाल रहता है. अब देखना होगा कि इस गांव में विकास की बयार कब पहुंचेगी और कब इस गांव में शहनाई बजेगी?