Uttar Pradesh: थाना प्रभारी समेत 35 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश से महकमे में हड़कंप, जानिए क्या है मामला


गाजियाबाद

गाजियाबाद में रंगदारी मांगने वाले आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय कोर्ट ने लोनी बॉर्डर थाने के 35 पुलिसकर्मियों पर पीड़िता को प्रताड़ित करने का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. इनमें थाना प्रभारी निरीक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। आरोप है कि गाजियाबाद पुलिस ने पीड़ित महंत और उसकी पत्नी के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. पुलिस महकमे में कोर्ट के आदेश की चर्चा जोरों पर है.

मामले में पीड़िता दीपा की ओर से अर्जी दाखिल करने वाले अधिवक्ता अंबरीश कुमार ने कहा कि दीपा शर्मा के पति महंत मोनू शर्मा हर साल मंदिर में दान की गई राशि से गरीब कन्याओं का विवाह करते हैं. इसके अलावा मंदिर में कई तरह के विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। महिला का आरोप है कि मोहल्ले में रहने वाले दबंग विकास मावी, मनीष भाटी और बाली समेत कई लोग उसके पति को प्रताड़ित करते हैं और हर महीने डरा धमका कर रंगदारी मांगते हैं. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जाती है।

दीपा शर्मा ने बताया कि 6 जुलाई 2022 को उसका पति मोनू शर्मा गरीब लड़की की शादी मंदिर में करवा रहा था। तभी मनीष व कुछ अज्ञात लोग मंदिर पहुंचे और शादी के कार्यक्रम में विघ्न डाला और मंदिर में रखा सामान लूट लिया. दीपा शर्मा ने पति के साथ हुई घटना की तहरीर थाने में दी है. आरोप है कि आरोपी को थाने में बैठाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे महंत मोनू शर्मा के खिलाफ शांति भंग की धाराओं में कार्रवाई कर चालान कर दिया गया. 

इसके बाद महिला ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अधिवक्ता अंबरीश कुमार के माध्यम से न्यायालय में अर्जी दाखिल की। अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय में आवेदन पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन प्रभावी थाना प्रभारी योगेन्द्र पवार, निरीक्षक विभांशु तोमर सहित 35 पुलिसकर्मियों एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया गया है. साथ ही मामले की जांच शुरू करने को कहा है.