गावां, गिरिडीह
एक दिन पूर्व जहां घर में परिजन अपने लापता बेटे के मृत होने का शोक मना रहे थे, उनका वही पुत्र जीवित मिला है। इस घटना से ना सिर्फ परिजनों के चेहरे की मुस्कुराहट लौट आई है बल्कि गांव में भी खुशी का माहौल है।
क्या है मामला
गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र के पथलडिहा निवासी मुन्ना भुइयां का 18 वर्षीय पुत्र पवन घर से अपने काम पर वापस चेन्नई लौट गया था। कोलकाता में वह कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में चेन्नई जाने के लिए सवार हुआ जिसके बाद ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आई। इसके बाद से परिजनों का अपने बेटे पवन से संपर्क नहीं हो पा रहा था। जिसके पश्चात परिजन अपने लापता बेटे की तलाश कर रहे थे। बेटे को खोजते खोजते परिजन समाजसेवियों के सहयोग से ओडिशा पहुंचे। जहां, रेल दुर्घटना में घायल हुए सभी मरीजों का इलाज चल रहा था। इस दौरान उन्होंने पूरा अस्पताल छान मारा किंतु उनके बेटे का कुछ पता नहीं चला।
दूसरे के शव को देख समझे अपना पुत्र, पसर गया था मातम
अस्पताल से हताश होने के बाद पवन के परिजन शव गृह पहुंचे जहां रेल दुर्घटना में मृत कई शवों को रखा गया था। बेटे को लेकर तलाशती निगाहें थक गई थी। इसी बीच उन्हे अपने बेटे जैसा मिलता जुलता युवक का शव दिखाई पड़ा। बेटे का कोई खोज खबर नही मिलने पर पिता ने उसे अपना बेटा समझ लिया और वह अपने घर लौटने लगे। इस बीच गावां में भी यह खबर जंगल के आग की तरह फ़ैल गई और सभी ने युवक को मृत मान लिया।
झालसा के कार्यकर्ता ने की खबर
पवन के परिजन अनजान शव को अपना बेटा मान चुके थे किंतु पैसे नही होने के कारण वह बिना शव लाए वापस लौट ही रहे थे कि इसी बीच रविवार की देर रात उन्हे झालसा के सचिव सौरव कुमार द्वारा बेटे के जीवित व घायल होने की खबर मिली। यह खबर उनके लिए आशा का किरण साबित हुआ। जानकारी के अनुसार इस बीच परिजन आसनसोल आ पहुंचे थे, जहां से वह वापस ओडिसा के लिए निकल पड़े। उन्हे जानकारी मिली थी कि कटक के एक अस्पताल में उनके पुत्र का इलाज चल रहा है, वह घायल है। वह सोमवार की शाम अस्पताल पहुंच गए जहां उन्हे उनका पुत्र पवन दिखाई पड़ा। उसे जीवित देख परिजनों के आंखों से आंसू छलक पड़े।