Bhagalpur: विश्वविद्यालय में अपने हक की लड़ाई के लिए प्रदर्शनकारी छात्रों ने किया जमकर हंगामा, परीक्षा विभाग के मुख्य द्वार का तोड़ा ताला


भागलपुर, बिहार
रिपोर्ट : बालमुकुंद कुमार

▪️टीएमबीयू के कुलपति के तुगलकी फरमान से छात्रों का गुस्सा फूटा


तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में आज छात्रों ने जमकर हंगामा किया और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जवाहरलाल के तुगलकी फरमान से परीक्षा विभाग में लगे ताले को भी छात्रों ने जबरन तोड़ दिया और परीक्षा नियंत्रक से मिले। गौरतलब हो कि यह तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार परीक्षा विभाग को इस तरह से तालाबंदी कर रखा जा रहा था और कर्मचारियों के बदले गार्ड से कर्मचारी का काम कराया जा रहा था। 

सीधे तौर पर परीक्षा नियंत्रक से छात्रों की मुलाकात नहीं होने से छात्रों को कई तरह की परेशानियां सामने आ रही थी। दूरदराज से आए कई छात्र बांका, पूर्णिया, बेगूसराय, कटिहार जैसे जगहों से आकर उन्हें वापस लौटना पड़ता था। क्योंकि उनके न तो समय पर मूल प्रमाण पत्र मिल पाते थे और ना ही अंक प्रमाण पत्र मिल पाते थे और ना ही किसी तरह की सुधार की जरूरत होती ही थी, तो वह कर पाते थे। गेट पर तैनात गार्ड परीक्षा विभाग के अधिकारी से मिलने नहीं देते थे, इसको लेकर छात्रों का गुस्सा फूटा और परीक्षा विभाग के मुख्य द्वार का ताले को जबरन तोड़ डाला। 

वही प्रदर्शनकारी छात्रों एवं कई छात्र नेताओं ने एक सुर में कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति का तुगलकी फरमान हर रोज नए नए रूप में देखने को मिलता है, जिससे यहां के छात्र छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई छात्र को समय पर मूल प्रमाण पत्र नहीं मिल पाने के चलते वह नौकरी से वंचित रह जाते हैं। यहां के कर्मचारियों का तेवर भी सर चढ़कर बोलता है, मानो विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारी खुद एक कुलपति हो। अगर छात्र अपनी परेशानी को परीक्षा विभाग के अधिकारी से बताना चाहते हैं तो उन पर जोर जबरदस्ती किया जाता है और एक गार्ड के सहारे अपनी बातें बतानी पड़ती है, जिससे सारी बातें हल नहीं हो पाती। 

प्रदर्शनकारी छात्रों और कई छात्र नेताओं ने कहा कुलपति की मनमानी नहीं चलने देंगे। विश्वविद्यालय में कॉपी का मामला हो, परीक्षा में अंक मूल्यांकन का मामला हो, छात्रवृत्ति का मामला हो नामांकन का मामला हो या फिर किसी भी तरह की मूलभूत सुविधाओं का मामला हो, विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति इस पर ध्यान नहीं देती; जिसके चलते हजारों हजार छात्रों का भविष्य अधर में लटका रहता है। यह कहीं से सही नहीं है। वही प्रदर्शनकारी छात्रों और छात्र नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय का रवैया जल्द ठीक नहीं हुआ तो हम लोग एक बड़ा आंदोलन करेंगे और विश्वविद्यालय में भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों की पृष्ठभूमि बदल देंगे।