Uttar Pradesh: बेटे के धर्म का पालन करते हुए बेटी ने दिया पिता की अर्थी को कंधा, रो पड़े लोग


उत्तर प्रदेश

अलीगढ़ में बेटे का फर्ज निभाते हुए बेटी ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और चिता को मुखाग्नि दी। पिता कैंसर से जूझ रहे थे। घर का हर सामान बेचकर पिता को बचाने की कोशिश की। लेकिन 52 वर्षीय पिता राजकुमार की सोमवार को दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक का परिवार थाना गांधी पार्क स्थित दुबे की सराय में रहता है। मृतक की तीन बेटियां हैं। 13 साल की बेटी चित्रा ने पिता का अंतिम संस्कार किया।

राजकुमार खराद मशीन पर काम कर अपनी जीविका चलाते थे। राजकुमार पिछले 6 महीने से कैंसर से पीड़ित थे। इसके बाद इलाज किया। उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भी ले जाया गया था। इलाज के लिए लेथ मशीन और घरेलू कीमती सामान भी बिका। लेकिन कैंसर की वजह से राजकुमार की मौत हो गई। राजकुमार की तीन बेटियां रति, गौरी और चित्रा हैं। बड़ी बेटी रति की शादी हो चुकी थी। 16 साल की गौरी और 13 साल की चित्रा के सिर से पिता का साया गायब हो गया। मां रचना बीमार हैं।

बेटी रति ने बताया कि पिता को कैंसर था। इलाज कराया लेकिन ठीक नहीं हो सके। रति ने बताया कि ज्यादा पैसे नहीं थे। इसलिए सही इलाज नहीं हो सका। पिता की मौत के बाद छोटी बहन ने मुखाग्नि दी। रति ने बताया कि मेरा कोई भाई नहीं है। तीन बहनें हैं। पिता के काम से ही घर चलता था। लेकिन अब कैसे, पिता की मौत के बाद क्या होगा.

वहीं, पिता राजकुमार की मौत के बाद तीनों बेटियां कंधा देकर शव को श्मशान घाट ले गईं। चित्रा ने पुत्र होने का फर्ज निभाया। सराय दुबे के एक पड़ोसी सुनील कुमार ने बताया कि राजकुमार मेरा पड़ोसी था। उनकी तीन बेटियां हैं। कोई बेटा नहीं है। राजकुमार पिछले 6 महीने से कैंसर से पीड़ित थे। वह एक छोटे से खराद पर मजदूरी कर परिवार चलाता था। वहीं, 6 महीने में इलाज के दौरान उसकी मशीन और घर का सामान तक बिक गया। उन्होंने बताया कि उनकी तीन बेटियों को आर्थिक जरूरत के साथ सामाजिक सुरक्षा की जरूरत है। पत्नी बीमार रहती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन उनकी कुछ मदद करे तो अच्छा होगा।