उत्तर प्रदेश
अब प्रदेश के बहुचर्चित 150 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में वरिष्ठ नौकरशाहों के शामिल होने के अहम सुराग मिले हैं. मामले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सोमवार को विशेष सीबीआई न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह की अदालत में हाइगिया के दो संचालकों सहित तीन आरोपियों को पेश करेगा। इस दौरान इन लोगों की रिमांड अवधि बढ़ाने की अपील की जाएगी।
छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तार हाईगिया एजुकेशन ग्रुप के संचालकों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं. इसमें आईएएस और पीसीएस अधिकारियों की मिलीभगत का भी ईडी की टीम को पता चला है। कहा जा रहा है कि छात्रवृत्ति घोटाले के भ्रष्टाचार के पैसे का कुछ हिस्सा इन लोगों तक भी पहुंचा। इस वजह से ईडी गिरफ्तार आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ाने की अपील करेगी, ताकि इन लोगों से और पूछताछ कर नए सबूत हासिल किए जा सकें.
केंद्र सरकार द्वारा गरीबों, अल्पसंख्यकों, एससी-एसटी और दिव्यांगों को दी जाने वाली इस छात्रवृत्ति के हड़पने के मामले में माना जा रहा है कि इसके लिए कई अधिकारी जिम्मेदार होंगे. कहा जा रहा है कि जिन अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है, उन्हें समन भेजा जा रहा है, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके. कहा जा रहा है कि इस घोटाले की जांच के दौरान ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत भी मिले हैं, जिससे आने वाले दिनों में अफसरशाही में हलचल हो सकती है.
हाइजिया के संचालकों से पूछताछ में गुवाहाटी में उनके निर्माणाधीन कॉलेज का मामला सामने आया है. इसके अलावा नेपाल, लखनऊ, नोएडा समेत कई अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर संपत्तियों का खुलासा हुआ है।