पलामू
पलामू पुलिस व चाइल्ड लाइन की मदद से एक मासूम को बालिका वधू बनने से बचा लिया गया. सूचना मिलने के बाद जब पुलिस की टीम चाइल्ड लाइन के लोगों को लेकर विवाह स्थल पर पहुंची तो 12 साल की दुल्हन और 45 साल के दूल्हे को देखकर वे हैरान रह गए. नाबालिग को शेल्टर होम भेज दिया गया है, वहीं दूल्हे और उसके परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
दूल्हा पाटन का था, जबकि दुल्हन मेदिनीनगर की रहने वाली थी
45 वर्षीय दूल्हा राजेश कुमार पांडेय पलामू जिले के पाटन का रहने वाला है, जबकि 12 वर्षीय दुल्हन मेदिनीनगर की रहने वाली है. वह चौथी क्लास की छात्रा है। उसने कहा कि वह पढ़ना चाहती है। बाल विवाह की सूचना पाकर जब पुलिस व चाइल्ड लाइन की टीम मैरिज हॉल पहुंची तो दूल्हा-दुल्हन के परिजन उनसे उलझ गए. उनकी पुलिस से झड़प भी हुई थी। बाद में पुलिस के सख्त रवैये को देखते हुए लड़की का जन्म प्रमाण पत्र दिखाया गया, जिसमें उसकी उम्र 12 साल दर्ज की गई. पुलिस नाबालिग और उसके परिजनों को थाने ले आई, जहां नाबालिग को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया. दुल्हन के परिजनों की काउंसिलिंग की गई। पुलिस व चाइल्ड लाइन के अधिकारी दूल्हे के परिजनों से भी पूछताछ कर रहे हैं.
बाल विवाह के तहत होते हैं पलामू में 35 प्रतिशत विवाह
चाइल्ड लाइन के अधिकारियों ने बताया कि पलामू में होने वाली कई शादियां बाल विवाह के दायरे में आती हैं. खासकर ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। पलामू की बात करें तो यहां करीब 35 फीसदी शादियां बाल विवाह के दायरे में आती हैं. इसके लिए जागरूकता जरूरी है। चाइल्ड लाइन ने पिछले दो माह में पलामू में आठ बाल विवाह रुकवाए हैं।
कम उम्र में कर दी जाती है लड़कों की भी शादी
चाइल्ड लाइन के अधिकारियों के मुताबिक पलामू में न सिर्फ लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है, बल्कि यहां लड़कों की भी कम उम्र में शादी कर दी जाती है. रिकार्ड के अनुसार दो दिन पूर्व गुप्त सूचना के आधार पर चाइल्ड लाइन व पुलिस टीम ने छापेमारी कर बेमेल शादी को रुकवाया. दूल्हा 16 साल का था, जबकि दुल्हन 20 साल की थी।