घाटशिला
झारखंड के घाटशिला अनुमंडल के गांवों में मक्खियों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. बंगाल और ओडिशा की सीमा से सटे बीहड़ जंगलों में बसे इन गांवों के लोग दिन-रात मक्खियों के भिनभिनाहट से परेशान हैं. ऐसे में ग्रामीणों का जीवन मच्छरदानी में सिमट कर रह गया है। लोग मच्छरदानी में बैठकर खाते-पीते हैं।
बच्चों को भी मच्छरदानी में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। लोगों की नाक में मक्खियां इस कदर घुस गई हैं कि किसी काम से घर से बाहर निकलने से पहले लोगों को अपने मुंह पर मच्छरदानी का टुकड़ा या कोई पतला कपड़ा बांधना पड़ता है। बच्चे भी मुंह ढककर स्कूल जाते हैं।
घाटशिला अनुमंडल के पहाड़ों पर बसे 100 गांवों में करीब 20 हजार की आबादी निवास करती है. यहां के ग्रामीणों ने बताया कि मक्खियों का प्रकोप मार्च से शुरू हुआ था, जो धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर चुका है. हालत यह है कि दिन में सड़कें सुनसान हो रही हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने चेहरे पर मच्छरदानी का टुकड़ा बांधकर बाहर आता है। शिकायत के बावजूद अनुमंडल प्रशासन की ओर से इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
ग्रामीण मक्खियों की बढ़ती संख्या को सूखे और महामारी का संकेत मान रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार अप्रैल और मई में आंधी के कारण मक्खियों की संख्या कम हो जाती थी। लेकिन, इस बार आंधी नहीं आई, जिससे मक्खियां बड़ी संख्या में पनप रही हैं। वहीं, कृषि और मौसम वैज्ञानिक इसे बदलते पर्यावरण संकट के तौर पर देख रहे हैं। इधर, मक्खियों के बढ़ते प्रकोप से अब लोग बीमार भी पड़ने लगे हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी कोई पहल नहीं की जा रही है।
अत्यधिक प्रभावित गांव
▪️बाघुड़िया पंचायत में गुड़ाझोर, मिर्गीटांड़, डुमकाकोचा, नरसिंहपुर, चाड़री, पहाड़पुर गांव.
▪️डुमरिया प्रखंड के मारांगसोंगा, सातबाखरा, पितामहली, कलियाम, पलासबनी, चीटामाटी गांव.
▪️एमजीएम थाना क्षेत्र की दलदली पंचायत के सभी गांव
▪️गुड़ाबांदा के सभी आठ पंचायतों के गांव
▪️घाटशिला की झाटीझरना और तालचिती पंचायत के सभी गांव
▪️चाकुलिया और धालभूणगढ़ के उत्तरी इलाके के पहाड़ी गांव
क्या कहते हैं बीडीओ
इस संबंध में डुमरिया बीडीओ साधुचरण देवगम ने कहा कि कई गांवों में छोटी मक्खियों का प्रकोप देखा जा रहा है। मैंने कई गांवों में इस समस्या को देखा है। पहले तो चेहरा ढका देखकर लगा कि कोई पागल होगा, लेकिन बाद में सच्चाई सामने आ गई। डुमरिया सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डीसी मुरमुर से बात की. अभी तक दवा का छिड़काव नहीं हुआ है।