हजारीबाग
कांग्रेस की पूर्व विधायक ममता देवी सोमवार को जेपी सेंट्रल जेल हजारीबाग से जमानत पर बाहर आयीं. शाम सवा चार बजे कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वह जेल से बाहर आई और परिजनों से मिली. वहां से वह अपने पैतृक घर रामगढ़ के लिए रवाना हो गईं।
जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि वह इसी तरह जनता की सेवा में काम करती रहेंगी. भले ही वह आने वाले 2024 में चुनाव नहीं लड़ पाएंगी, लेकिन वह आम जनता की आवाज के रूप में काम करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। उन्हें विश्वास है कि उन लोगों को भी न्याय मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगी, लेकिन अपने क्षेत्र के मुद्दों को लेकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का काम जरूर करेंगी. जेल जाने से उनका मनोबल किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है, बल्कि वह और अधिक सशक्त हुई हैं।
रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी को 13 दिसंबर 2022 को पांच साल की सजा काटकर जेल भेजा गया था। हाईकोर्ट के जस्टिस नवनीत कुमार 117 दिन बाद कोर्ट से जमानत पाकर बाहर आ गए हैं। रामगढ़ के गोला थाना क्षेत्र में आईपीएल कंपनी द्वारा दर्ज मामले में ममता देवी के अधिवक्ता संसार जायसवाल ने जमानत की प्रक्रिया पूरी करवाई. हजारीबाग अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके पर जमानत स्वीकार की गयी.
विगत हो कि ममता देवी ने 29 अगस्त 2016 को रामगढ़ जिले के गोला थाना क्षेत्र की आईपीएल कंपनी में रैयतों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन की थी. जिसमें जमकर विवाद व फायरिंग की घटना हुई थी। इस मामले में ममता देवी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई हजारीबाग एमएलए एमपी कोर्ट में चल रही थी.