गिरिडीह
गिरिडीह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष श्रीवास्तव की अदालत ने सोमवार को दहेज हत्या के एक मामले में पति समेत तीन आरोपियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई. गावां थाना कांड संख्या 65/18 के दहेज हत्या के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपी पति रूपेश यादव, झलवा देवी व हरि यादव को 10 वर्ष व 2 वर्ष की सजा सुनाई. तीनों आरोपियों को दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
कोर्ट ने तीनों आरोपियों को मृतक के परिजनों को जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है. तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी पति रूपेश यादव, सास झलवा देवी और ससुर हरि यादव को दहेज हत्या की धारा 304बी में 10 साल और धारा 498ए में दो साल की सजा सुनाई है. जबकि इसी मामले में दहेज हत्या के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने भी तीनों आरोपियों पर कड़ी टिप्पणी की.
जानकारी के मुताबिक दहेज हत्या का यह मामला पांच साल पहले गावां थाना क्षेत्र का है. जहां पांच वर्ष पूर्व 27 जून 2018 को मृतका गुड़िया देवी के परिजनों को पता चला कि उसकी पुत्री का शव उसके ससुराल गावां में पड़ा हुआ है. सूचना के आधार पर मृतका का पिता भी बेटी की ससुराल पहुंचा तो देखा कि उसकी बेटी का शव मृत अवस्था में पड़ा है।
घटना के बाद मृतका के पिता ने दामाद और सास के खिलाफ गावां थाने में दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनकी बेटी को अक्सर दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था. और हर बार उन्हें पंचायती कर मामले को सुलझाने के लिए बुलाया जाता है। लेकिन 27 जून 2018 को उसकी बेटी की लाश उसके ससुराल के आंगन में पड़ी मिली।
मृतका गुड़िया देवी के पिता के आवेदन के आधार पर गावां पुलिस ने मामला दर्ज कर दामाद समेत तीनों को जेल भेज दिया है. और इस मामले की अदालत में सुनवाई भी चल रही थी, जबकि हफ्तों पहले सरकारी वकील सुधीर कुमार और बचाव पक्ष के वकील विशाल आनंद की दलीलों के आधार पर तीनों को दोषी करार दिया गया था. जबकि तीनों को सोमवार को सजा सुनाई गई।