चेन्नई
देश में पिछले कुछ समय से फर्जी अफसर बनकर ऐश करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का फर्जी अफसर बनकर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने वाले किरन पटेल का मामला सामने आने के बीच ऐसा ही एक और मामला सामने आया है जिसने लोगों से सम्मान पाने तथा मुफ्त में सरकारी सेवा पाने के खातिर खुद को क्राइम ऑफिसर (crime information officer) बताता रहा, अब वह सलाखों के पीछे है.
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के कोविलंबक्कम (Kovilambakkam) के रहने वाले जॉन पीटर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह लोगों से सम्मान पाने के लिए खुद को क्राइम इन्फॉर्मेशन ऑफिसर बताता रहा था. पुलिस ने अब इस फर्जी अधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की 3 धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
एक पोस्ट से हुआ मामले का खुलासा
मामले का खुलासा तब हुआ जब 15 मार्च को, एक शख्स की ओर से सोशल मीडिया पर एक फोटो पोस्ट कर दी गई, इसके बाद पुलिस ने अन्ना सलाई पर नो पार्किंग जोन में खड़ी एक कार को जब्त कर लिया. इस गाड़ी में एक सरकारी लोगो और एक झंडा लगा हुआ था, ऐसे में इस लिए गाड़ी के मालिक जॉन पीटर को पुलिस थाने में बुलाया गया.
थाने में पूछताछ के दौरान जॉन पीटर पुलिस को खुद से संबंधित सही दस्तावेज पेश नहीं कर पाया. पूछताछ के दौरान जॉन पीटर ने पुलिस को बताया कि वह बतौर सरकारी अधिकारी शहर में अपनी कार से घूम रहा था और वह चाहता था कि कोविलंबक्कम के लोगों के बीच उसे सम्मान मिले.
कार और पहचान पत्र भी जब्त
उनका कहना था कि ऐसा करने से उसे लोगों का सम्मान भी मिला और यहां तक कुछ लोगों ने उससे मदद भी मांगी थी. उसने पुलिस को बताया कि उसने लोगों से सरकारी विभागों में खुद का खासा दबदबा होने की बात कह रखी थी.
स्थानीय पुलिस ने उसके पास से मौजूद उस नकली पहचान पत्र को भी जब्त कर लिया, जिसमें उसका पद ‘क्राइम इन्फॉर्मेशन ऑफिसर, सोशल क्राइम डिविजन, नेशनल क्राइम इन्वेंस्टिगेशन ब्यूरो ‘ लिखा हुआ था. पुलिस ने जॉन पीटर के खिलाफ धोखाधड़ी करने और सरकारी लोगो के दुरुपयोग के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही जॉन के कब्जे से एक कार, फर्जी पहचान पत्र के साथ-साथ कुछ फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बरामद किए गए हैं.