नालंदा, बिहार
गिरियक में फोरलेन निर्माण कंपनी गावर के नाइट गार्ड की चाकुओं से गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची किंतु स्थानीय लोगों ने शव को उठाने नहीं दिया। साथ ही सड़क को जाम कर विरोध में नारेबाजी की। सूचना मिलते ही राजगीर की अनुमंडल पदाधिकारी अनिता कुमारी मौके पर पहुंची। जिसके पश्चात नियमानुसार मुआवजा दिए जाने का आश्वासन देने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। मृतक इसी थाना इलाके के मरकट्टा के 45 वर्षीय सनोज सिंह है। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहरामच गया है।
जानकारी देते हुए मृतक के पुत्र श्रीकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता गिरियक में सड़क निर्माण कार्य कर रही गावर कंपनी में नाइट गार्ड में काम कर रहे थे। बुधवार की रात्रि भी गिरियक घोराही के पास ड्यूटी पर थे और कंपनी के सामानों की रक्षा कर रहे थे। सुबह में पास के लोगों द्वारा फोन पर सूचना मिली की उनके पिता की हत्या कर दिया गया है, और उसे स्थानीय हॉस्पिटल भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी में ले जाया गया है। जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया है। इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया।
परिजनों द्वारा सड़क किया गया जाम
बताया गया कि घटना करीब 12 बजे रात की है। कई बार चोरों द्वारा सरिया एवं कंपनी का अन्य कीमती समानों को पहले भी चोरी की गई, जिसकी सूचना कंपनी को कई बार दिया गया। लेकिन, कोई ठोस कदम कंपनी द्वारा नहीं उठाया गया जिससे चोरों ने गार्ड की ही हत्या कर दी। घटना के बाद अक्रोशित ग्रामीण एवं परिजन शव को लेकर करमपुर गांव के पास गावर कंपनी कार्यालय के पास सड़क को जाम कर दिया और मुआवजे देने की मांग करने लगे। लेकिन कंपनी वालों ने इसकी कोई सुध नहीं ली, तब रोते बिलखते परिजन कार्यालय के सामने आकर न्याय की मांग करने लगे और कुछ गण्यमान्य लोग भी आ गए।
इधर घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस भी पहुंची और लोगों को समझाने का प्रयास करने लगे । इसी दौरान राजगीर एसडीओ अनिता कुमारी डीएसपी प्रदीप, गिरियक बीडीओ निर्मल कुमार, कैंपनी ऑफिस आए जहां कागरामीन जनता एवं परिजन लोगों से बात चीत कर सहयोग की बात कही।
परिजनों ने कंपनी से दस लाख मुआवजे की मांग की
घटना के बाद परिजनों द्वारा दस लाख रुपए कंपनी द्वारा दिए जाने की मांग कर रहे थे। लेकिन इधर अधिकारी एवं ग्रामीणों से कंपनी के कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचे सिर्फ फोन से ही बात करते रहे थे। ग्रामीण एवं परिजन नाराज भी दिखे। परिजनों ने कंपनी वालों पर आरोप लगाया कि रात्रि में उसे अकेले ड्यूटी पर रखा जाता था क्योंकि वहां चोरी की घटना पहले भी हुई थी।