Digital Payment : 1 अप्रैल से UPI से पेमेंट करना पड़ेगा महंगा, 2000 से ज्यादा किए ट्रांसफर तो लगेगा इतना चार्ज



जानकारियां

अगर आप ऑनलाइन लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए है. 1 अप्रैल से Gpay, Phonepe, Paytm आदि ऐप से पेमेंट करने पर चार्ज देना पड़ सकता है. नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसके तहत यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर फीस लगाने का सुझाव दिया गया है. इसका मतलब है कि अगले महीने से मर्चेंट के साथ की जाने वाली लेनदेन पर आपको जेब ढीली करनी पड़ सकती है.


NPCI ने मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर ‘प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट’ (PPI) फीस लगाने का सुझाव दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार यूपीआई पेमेंट सिस्टम की गवर्निंग बॉडी 2,000 रुपए से ज्यादा की यूपीआई पेमेंट पर PPI फीस लगाने पर विचार कर रही है. ऐसा होने पर लेनदेन की रकम के 1.1 फीसदी पर इंटरचेंज फीस यानी सरचार्ज लगेगा.



1 अप्रैल से होगी जेब ढीली

सरचार्ज से लेनदेन की प्रोसेसिंग आदि की लागत वसूलने में मदद मिलेगी. हालांकि, इससे पेमेंट करना महंगा हो जाएगा. यूपीआई पेमेंट से जुड़ा नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा. एनपीसीआई ने इंडस्ट्री और सेक्टर के हिसाब से अलग-अलग सरचार्ज रेट तय किए हैं. एग्रीकल्चर और टेलीकॉम सेक्टर के लिए सरचार्ज की दर कम रहने का अनुमान है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 70 फीसदी यूपीआई पेमेंट 2,000 रुपए से ज्यादा की होती है.


30 सितंबर को होगा रीव्यू

यूपीआई पेमेंट सिस्टम अभी तक जीरो-मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) मॉडल पर चलता है. हालांकि, नया नियम आने पर सरचार्ज वसूला जा सकता है. ऐसे में सरचार्ज से जुड़े नए मॉडल को 30 सितंबर या उससे पहले रीव्यू किया जा सकता है. हालांकि, अभी तक सरचार्ज लगाने के प्लान पर कंफ्यूजन बनी हुई है.


पेमेंट कंपनियों को राहत

आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये फीस बैंक अकाउंट और पीपीआई वॉलेट के बीच होने वाले पीयर टू पीयर (P2P) और पीयर टू मर्चेंट (P2M) लेनदेन पर लागू नहीं होगी. नया इंटरचेंज स्ट्रक्चर पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसे UPI ऐप को बड़ी राहत देगा. डिजिटल पेमेंट में बड़ा योगदान देने के बाद भी ये कंपनियां रेवेन्यू बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं.