गावां, गिरिडीह
▪️कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने किया था एक हफ्ते के क्रिकेटू टूर्नामेंट का आयोजन
बालश्रम, बाल विवाह और बाल दुर्व्यापार जैसी बुराइयों को सामाजिक जागरूकता, शिक्षा व खेल के माध्यम से बच्चों में सजग नेतृत्व क्षमता पैदाकर और उन्हें सशक्त बनाकर खत्म किया जा सकता है। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘सत्यार्थी खेल मेला सीजन 2’ यही साबित कर रहा है। अभ्रक क्षेत्र में यह खेल मेला 17 फरवरी से शुरू होकर गिरिडीह के गावां प्रखंड में 24 फरवरी को संपन्न हो गया। हफ्ते भर चले इस खेल मेले के फाइनल मुकाबले में बच्चों का जोश देखते ही बनता था।
बता दें कि सत्यार्थी खेल मेला सीजन 2 में 1,920 बच्चों ने 128 टीमें बनाकर अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट खेला। आखिरी दिन फाइनल मुकाबला गागिंदी और सलादिह की टीमों के बीच खेला गया। जिसमें गागिंदी की टीम ने जीत हासिल की। ये सभी बच्चे कोडरमा व गिरिडीह जिले के बाल मित्र ग्राम के हैं। कभी ये बच्चे अभ्रक खदानों में बाल मजदूरी करते थे लेकिन अब सभी शिक्षा हासिल कर रहे हैं।
फाइनल मैच में विशिष्ट अतिथि के रूप में ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल, एस्टी लाउडर के डेविड हिरकोक, मैड हैटर क्रिएटिव की प्रमुख जेनी मार्सडेन और स्वतंत्र फोटो जर्नलिस्ट डोमेनिको पुगलीसे, डालिया जकोब मौजूद थे।
वहीं इस मौके पर गावां के बिस सूत्री के अध्यक्ष अजय सिंह, विधायक प्रतिनिधि मुन्ना सिंह, प्रमुख ललिता देवी, प्रखंड विकास अधिकारी महेंद्र रविदास, पंचायत समिति सदस्य राहुल कुमार, गुलशन आरा, अन्नू कुमारी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। बताते चलें कि विशिष्ट अतिथि डेविड हिरकोक और गावां के बीडीओ महेंद्र रविदास ने विजेता टीम के खिलाडि़यों को मेडल देकर सम्मानित किया।
इस बीच प्रखंड विकास पदाधिकारी महेंद्र रविदास ने बच्चों की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि जिस प्रकार महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट से अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही इन बच्चों को भी आगे बढ़ना है। इन बच्चों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए जिला प्रशासन, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के साथ मिलकर कार्य करेगा।
खेल मेला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के वरिष्ठ निदेशक श्री धनंजय टिंगल ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा बच्चों के बुनियादी अधिकार हैं। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन सुदूरवर्ती पिछड़े क्षेत्रों में संचालित बाल मित्र ग्रामों के माध्यम से लगातार प्रयासरत है, और पढ़ाई के साथ-साथ खेल गतिविधियों के माध्यम से बच्चों का सशक्तीकरण करने पर जोर दे रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक रूप से हाशिए के बच्चों को भी मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर उपलब्ध कराने को लेकर प्रयासरत है। बाल मित्र ग्राम और खेल महोत्सव कार्यक्रम के सकारात्मक प्रभाव अब अभरक क्षेत्र में दिख रहा है। बाल मित्र ग्राम के बच्चे, बच्चों के मुद्दों को विभिन्न मंचों पर मजबूती के साथ उठा रहे हैं।
वहीं पूरा खेल मेला बाल मित्र ग्राम कार्यक्रम के झारखंड में समन्वयक गोविंद खनाल की देखरेख में संपन्न हुआ। खेल मेला के सफल संचालन के लिए गोविंद खनाल ने बाल पंचायत के बच्चों, नागरिकों और ग्राम पंचायतों को आभार जताया।
मौके पर उपस्थित कोडरमा जिला समन्वयक मनोज कुमार, गिरिडीह जिला समन्वयक सुरेंद्र पंडित, उदय राय, अमित कुमार, संदीप नयन व संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
विगत हो कि सत्यार्थी खेल मेला सीजन 1 में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्र्रेन्स फाउंडेशन द्वारा संचालित 521 बाल मित्र ग्राम की 3,600 लड़कियों ने फुटबॉल, कबड्डी जैसी खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया था। जिसे दिसंबर-जनवरी माह में सुरक्षित बचपन मंथ के तहत आयोजन किया गया था।